बड़ा काफ़िर
बड़ा काफ़िर
है ये इश्क़
रोके जुबां को तो
आंखों से झलक जाता है
बड़ा काफिर है
ये इश्क़ इसे सब्र कहां आता है
हिमांशु Kulshrestha
बड़ा काफ़िर
है ये इश्क़
रोके जुबां को तो
आंखों से झलक जाता है
बड़ा काफिर है
ये इश्क़ इसे सब्र कहां आता है
हिमांशु Kulshrestha