बच्चो को पैसे कमाने के बारे में कौन सिखाएगा ?
हमारे माँ बाप की हमसे बहुत उम्मीद होती है। मेरा बेटा एक अच्छा इंसान बनेगा। बहुत मेहनत कर के पढ़ेगा और बहुत अच्छी नौकरी करेगा और ढेर सारे पैसे कमायेगा। सभी उम्मीद सही है लेकिन बेटा जरूर अच्छा है लेकिन ज्यादा पैसे नहीं कमा पाता है या नहीं बचा पाता है तो वही बेटा बेकार बन जाता है। तो क्या ये जरुरी नहीं है की जिस विद्यालय में हम अपने जीवन के 12 वर्ष बिताते है और स्नातक में 3 साल बिताते है कुल मिला के क्या 15 साल में हमें ये नहीं सीखाया जा सकता है की पैसे कैसे कमाते है और इसे बचाते कैसे है और सबसे बड़ी बात इसे बढ़ाते कैसे है। जब पैसे के बारे में पढ़ाया या सिखाया ही नहीं जाता तो बहुत मुश्किल होता है इसे कमाना और बचाना और बढ़ाना। ऐसे में बच्चे वो गलती करते है जिसकी वजह से वो एक ऐसी जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाते है जिसमे नौकरी को बचा कर रखना उनकी मज़बूरी हो जाती है।
आज भारत में 6 से 7 प्रतिशत लोग ही निवेश करते है क्युकी बाकी लोगो को पता ही नहीं की उनके 500 या 1000 रूपए बचाये हुए एक लंबे समय तक लगातार निवेश किया जाए तो वो एक दिन बहुत बड़ा पैसा बन सकता है। चक्रवृद्वि ब्याज के बारे में सीखते है लेकिन जीवन में कैसे इसका फायदा लाये ये कोई बताता ही नहीं। हमें बचपन से सभी बच्चो को पैसे को बचाने और उसे निवेश के बारे में बताना चाहिए जिससे जब वो विद्यालय या फिर विश्वविद्यालय से निकले तब उनके पास अच्छा पैसा हो और वो समय लेकर अच्छी और मन पसंद नौकरी खोजे या फिर काम करे।