बच्चों के लिए
बच्चों के लिए
सब कुछ करते हैं मां बाप
छोटे से बचपन से
जवानी तक…
क्या नहीं करते हैं
बच्चों के लिए वो ,,,,,
जब हो जाते बढ़े बच्चे
तो
हो जाते है
वो मा बाप से ज्यादा
अक्लमंद…….
और भूल जाते हैं
केसे वो पाले गए है….
माँ बाप का
कोई दिन क्यूँ
चुने हम
होता है हर दिन
उनका ही दिन
उनका ही दिन……होता है हर दिन
केसे बिना प्यार के…
पल सकते हैं बच्चे…..
जाकर पूछो उन यतीमो
से जरा तुम…….
सब बच्चो को
बराबर मिलता है
प्यार माँ और बाप.. का
ऐसे कोई औलाद….
केसे उतार सकती है….
उनके प्यार का वो कर्ज़…….
जिस दिन से वो पैदा होते है
….उस दिन से कभी …..
एक पल के लिए भी ग़फ़िल
नहीं होते … … …
बच्चों की परवरिश में
जो भुला देते हैं खुद को
माँ बाप
हो जाते है इसी
फ़िकर में एक दिन,,,,,,बूढ़े
बीमार भी रहते है
तो कहते खुद को वो अच्छा
अल्लाह करे बच्चों का नसीब
रौशन
हर वक्त दुआ करते हैं।।
मा बाप रात दिन
अल्लाह कुबूल करना है
सब उनकी दुआएँ,,,,,,,
इसलिए कहते है
माँ बाप का कोई औलाद
कभी दिल ना दुखआये ,,,,,,,,
बस लेता रहे सदा उनकी दुआएँ
ShabinaZ