Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2019 · 6 min read

बच्चों के दिमाग से  परीक्षा का दबाव कम करने के लिए अभिभावकों के लिए कुछ सुझाव

जी हां पाठकों, सबसे पहले आप सबको प्रणाम करती हूं और साथ ही मेरे ब्लॉग पसंद करने हेतु शुक्रिया अदा करती हूं ।

चलिए शुरू करते हैं, यह आलेख । वैसे भी अभी बच्चों की परिक्षाएं जारी है या होने वाली है तो आप बच्चों के साथ व्यस्त तो होंगे ही और बच्चों की परीक्षा का टाईम टेबल देखते ही हर घर में मार्शल लॉ और हिटलर के नियम लागू हो जाते है ।

मैंने अक्सर देखा है, परीक्षा के दौरान माता-पिता द्वारा बच्चे के उठने से लेकर खाने-पीने, खेलने, पढ़ने…यहां तक कि सोने की भी पूरी दिनचर्या निश्चित कर दी जाती है । स्कूल की परीक्षा की घड़ी ऐसी होती है, पाठकों जब बच्चों के मन में सबसे ज्यादा डर बना रहता है, लेकिन अभिभावकों द्वारा बच्चों के लिए पूर्ण रूप से सकारात्मक सोच के साथ यदि परीक्षा के लिए पूर्व से ही सही योजना बनाई जाए, तो कुछ हद तक बच्चों के डर को कम किया जा सकता है ।

जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आता है, बच्चों पर दिमागी दबाव बढ़ता जाता है। लेकिन वे बेहतर प्रदर्शन तभी कर पायेंगे, जब वे बिना किसी दबाव के अपनी परीक्षा की तैयारी करें । अभिभावक होने के नाते उनके दिमाग से यह दबाव कम करना आपका फर्ज है, जिसके लिए मैं कुछ सुझाव निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से प्रस्तुत कर रही हूं और आशा करती हूं कि आप अवश्य ही पढ़ेंगे एवं लाभान्वित होंगे ।

1.आप बच्चों को संभालने से पहले आपको स्वयं को यह समझाना जरूरी होगा, कि बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बनाने की अपेक्षा उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करें, लेकिन अगर नंबर अपेक्षा के अनुरूप नहीं भी आते हैं, तो भी वे अपना मनोबल एवं आत्मविश्वास बनाए रखें और आगे आने वाली परिक्षाओं में बेहतर प्रयास करें।

2. बच्चों को प्रश्नों के उत्तर याद करने की आसान विधियां बताएं, उन्हें बताएं कि वे प्रश्नपत्र को किस तरह से निश्चित अवधि में पूर्ण कर सकते हैं। प्रश्नों को हल करने में उनकी सहायता करें, इस तैयारी में आप भी सहभागी बनें ताकि उन्हें यह महसूस हो, कि आप उनकी कठिनाईयों को समझ रहे हैं।

3 बच्चों को बताएं कि आप जानते हैं कि आपका बच्चा होशियार है, लेकिन परीक्षा के समय कई बार वे उन प्रश्नों को करने से चूक जाते हैं जिन के उत्तर उन्हें अच्छी तरह से आते थे। यह सामान्य सी बात है, इसके लिए बच्चों पर दबाव न बनाएं, अपितु बच्चे की आगामी परीक्षा के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रयासरत रहें

4. बच्चों को पूरे समय सिर्फ पढ़ाई करने के लिए जबरदस्ती नहीं करें बल्कि परीक्षा के समय इस तनाव से बाहर निकालने के लिए कुछ वक्त का ब्रेक भी दें। उन्हें कमरे में ही चाय-नाश्ता या खाना देने की बजाए परिवार के साथ खाना खिलाएं और हंसी मजाक कर माहौल को हल्का फुल्का बनाए रखें ।

5 बच्चों की सेहत का ध्यान इस समय विशेष तौर पर रखना आवश्यक है ताकि वे स्वस्थ रहकर अपनी परिक्षाएं दे सकें । खाने में सेहतमंद चीजें ही दें और इस समय उन्हें पर्याप्त नींद की भी जरूरत होगी, जिससे दिमाग सही तरीके से काम करेगा और वे आत्मविश्वासी भी रहेंगे।

6. अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई के संबंध में शुरू से ही ध्यान देते हुए उनकी पूरी दिनचर्या समय प्रबंधन के साथ निर्धारित कर दें ताकि परीक्षा के समय बच्चों को अपना कोर्स पूरा याद करने की हड़बड़ी नहीं हो । ऐसा करने से बच्चों को जितना याद है, उतना भी भूल जाते हैं ।

7. आपके बच्चों ने यदि शुरू से ही निश्चित रूप से पढ़ाई की है तो परीक्षा के समय इतना तनाव लेकर पढ़ने की जरूरत ही नहीं पड़ती है । छोटी कक्षा से लेकर बड़ी कक्षा तक माता-पिता बिना जोर जबरदस्ती के बच्चों का रूझान उनकी रूचि के अनुसार पढ़ाई की तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेंगे तो परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

8. आप बच्चों को यह सलाह दें कि हर विषय को समय के अनुसार पढ़ने के लिए बांट लें । जो विषय कठिन लगता है, उसे ज्यादा समय दें । सिलेबस दोहराते समय सबसे पहले उन विषयों या टॉपिक को पहले दोहराएं , जो विषय कठिन लगते हैं ।

अभिभावकगण यदि पूर्ण रूप से सकारात्मक सोच के साथ बच्चों को समझाने की कोशिश करें तो मेरा मानना है कि किसी भी तरह का तनाव हम कम कर सकते हैं । “उन्हें समझाईये परीक्षा ही तो है, फिर डर और तनाव किसलिए ?? अरे…… साल भर जो पढ़ाई की है न बेटा, तो बस उसकी क्षमता जांची जाती है, और क्या?? इससे पता चलता है कि हम कितना योग्य कर सकते हैं । बस जो परिणाम आता है, उसे देखकर जो कमियां हैं, उनका समाधान करते हुए आगे की कक्षा में बढ़ते जाना है । इसी तरह तो सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे ” ।

अभिभावक अपने बच्चों को सकारात्मक रहते हुए बताएं “अरे ये परीक्षा देकर ही तो हम सक्षम बनते हैं, हमारी नींव पक्की होती है” जिससे हम जिंदगी की अनेक परिक्षाएं देने में सफल होते हैं । फिर डरना कैसा, बच्चों को ऐसे ही समझाते हुए उन पर नकारात्मक विचार बिल्कुल हावी न होने दें । उनकी सहायता करते हुए शुरू से ही हर कार्य की रूपरेखा तैयार कर दें । उसमें शारीरिक कसरत, खेलकूद, टीवी देखने, मनमोहक संगीत सुनने , रूचि के अनुसार अन्य गतिविधियां करने, आजकल तो प्रोजेक्ट भी मोबाइल या लेपटॉप पर ही ऑनलाइन ही दे दिए जाते हैं और विशेष रूप से पढ़ाई…. इन सबके बीच रूपरेखा बनाने एवं तालमेल बिठाते हुए पढ़ाई करवाने की व्यवस्था करें । फिर आवश्यकतानुसार मोबाइल या लेपटॉप का उपयोग करने दें ।

“परीक्षा के दौरान सबसे अच्छा सुबह के समय मन और मस्तिष्क शांत रहता है, इसलिए सुबह के समय कठिन विषय दोहराएं । जो विषय याद है, उन्हें आसान समझकर छोड़े नहीं । उन्हें भी रोज एक बार दोहराएं । परीक्षा की तरह नियत समय पर प्रश्न हल करने की आदत डालें । इससे कमियां और गलतियां दोनों ही पता चलेंगी व साथ ही लिखने की गति भी बढ़ेगी “। परीक्षा से संबंधित स्टेश्नरी सामग्री, रोल नंबर इत्यादि चीजें संभाल कर रखना चाहिए ताकि परीक्षा के दौरान ढूंढने में ही समय व्यर्थ नहीं हो ।

जी हां पाठकों इस लेख के माध्यम से मैं, सिंगापुर में परीक्षा से पहले प्रिंसिपल ने बच्चों के अभिभावकों को भेजा हुआ एक पत्र आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूं, इसे आप अवश्य ही पढ़िएगा एवं साथ ही अनुपालन भी करियेगा , आशा करती हूं कि यह पत्र आपको अवश्य ही सहायता प्रदान करेगा ।

“डियर पेरेंट्स,

मैं जानता हूं आप इसको लेकर बहुत बेचैन हैं कि आपका बेटा इम्तिहान में अच्छा प्रदर्शन करें ,लेकिन ध्यान रखें कि यह बच्चे जो इम्तिहान दे रहे हैं इनमें भविष्य के अच्छे कलाकार भी हैं जिन्हें गणित समझने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, इनमें बड़ी बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठे हैं जिन्हें इंग्लिश लिटरेचर और इतिहास समझने की जरूरत नहीं है, इन बच्चों में भविष्य के बड़े-बड़े संगीतकार भी हैं जिनकी नजर में केमिस्ट्री के कम अंकों का कोई महत्व नहीं, इन सबका इनके भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला इन बच्चों में भविष्य के एथलीट्स भी हैं जिनकी नजर में उनके मार्क्स से ज्यादा उन की फिटनेस जरूरी है| लिहाजा अगर आपका बच्चा ज्यादा नंबर लाता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर वह ज्यादा नंबर नहीं ला सका तो तो आप बच्चे से उसका आत्मविश्वास और उसका स्वाभिमान ना छीन ले l अगर वह अच्छे नंबर ना ला सके तो आप उन्हें हौसला दीजिएगा की कोई बात नहीं यह एक छोटा सा इम्तिहान हैl वह तो जिंदगी में इससे भी कुछ बड़ा करने के लिए बनाए गए हैं l अगर वह कम मार्क्स लाते हैं तो आप उन्हें बता दें कि आप फिर भी इनसे प्यार करते हैं और आप उन्हें उन के कम अंको की वजह से जज नहीं करेंगे l ईश्वर के लिए ऐसा ही कीजिएगा और जब आप ऐसा करेंगे फिर देखिएगा कि आपका बच्चा दुनिया भी जीत लेगा l एक इम्तिहान और कम नंबर आपके बच्चे से इसके सपने और इसका टैलेंट नहीं छीन सकते और हां प्लीज ऐसा मत सोचिएगा कि इस दुनिया में सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर ही खुश रहते हैं “अपने बच्चों को एक. अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दीजिये.केवल अंक ही बच्चों की योग्यता का मापदंड नही हैं.

अंत में साथियों माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिन.29-01-2019 को बच्चों को परीक्षा हेतु दिये गये सुंदर संदेश में विशेषतः निम्नलिखित बिन्दुओं को गौर फरमाइएगा –

1.परीक्षा एक अवसर है, इसे उत्सव की तरह लें…

2.कल क्या किया… क्या नहीं किया, न सोचें… आगे क्या करना है… इस पर विचार करें…

तो धन्यवाद आपका साथियों । मेरा ब्लॉग अवश्य पढ़िएगा एवं अपने विचार व्यक्त किजिएगा और पसंद है तो मेरे अन्य ब्लॉग भी पढ़ने हेतु आप आमंत्रित है ।

आरती अयाचित,भोपाल

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
"अतीत"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
*क्षीर सागर (बाल कविता)*
*क्षीर सागर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Mukesh Kumar Sonkar
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
Otteri Selvakumar
ईश्वर बहुत मेहरबान है, गर बच्चियां गरीब हों,
ईश्वर बहुत मेहरबान है, गर बच्चियां गरीब हों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ईश्वर का घर
ईश्वर का घर
Dr MusafiR BaithA
मोमबत्ती जब है जलती
मोमबत्ती जब है जलती
Buddha Prakash
एक दिन की बात बड़ी
एक दिन की बात बड़ी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शक्कर में ही घोलिए,
शक्कर में ही घोलिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
किसी औरत से
किसी औरत से
Shekhar Chandra Mitra
जिन्दगी में
जिन्दगी में
लक्ष्मी सिंह
दिल  धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
Sanjay ' शून्य'
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
Dr Archana Gupta
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
रिश्तों का गणित
रिश्तों का गणित
Madhavi Srivastava
#एक_स्तुति
#एक_स्तुति
*Author प्रणय प्रभात*
जब एक ज़िंदगी
जब एक ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
Manisha Manjari
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यह जनता है ,सब जानती है
यह जनता है ,सब जानती है
Bodhisatva kastooriya
Loading...