Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

बच्चे पैदा कीजिए, घर-घर दस या बीस ( हास्य कुंडलिया)

बच्चे पैदा कीजिए, घर-घर दस या बीस ( हास्य कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
बच्चे पैदा कीजिए, घर-घर दस या बीस
ऊपरवाला दे रहा, लेता है कब फीस
लेता है कब फीस, मुफ्त में बच्चे पलते
राशन के कब दाम, चुकाने पड़ते खलते
कहते रवि कविराय, अक्ल के समझो कच्चे
भरते रहते टैक्स, एक-दो जिनके बच्चे
————————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997 61 545 1

455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
पूर्वार्थ
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
Dr fauzia Naseem shad
जय
जय
*प्रणय*
जब  तक  साँसें  चलती  है, कोई  प्रयत्न  कर  ले।
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
Subhash Singhai
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
गीत
गीत
Shweta Soni
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
राम नाम की जय हो
राम नाम की जय हो
Paras Nath Jha
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बंदर का खेल!
बंदर का खेल!
कविता झा ‘गीत’
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
"इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
बचा लो जरा -गजल
बचा लो जरा -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
Sushila joshi
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
Loading...