बचा लो तिरंगा
कारण पता चला हमें आज , भारत क्यों गुलाम हुआ
सही नरेश चुना न हमने , व्यर्थ शत्रु बदनाम हुआ
एक दशक में जिसने हमको , स्वाभिमान सिखाया था
सदियों से जो बंद पड़ी थी , पूजा अधिकार दिलाया था
आज उसी के पीठ में देखा, खंजर का प्रमाण हुआ
राम लला हो मथुरा काशी, रही द्वारिका जो अविनाशी
सूर्य मंदिर जी शिखर हो , खुशहाल चाह रही भारतवासी
कुछ कागज के टुकड़ों में आज वही नीलम हुआ
रात पहर नारी है सुरक्षित, पहले से अब हुई आरक्षित
हो न जाये सभ्यता कलंकित, रहे भान उचित औ अनुचित
हाय बचा लो भगवा तिरंगा ,जो रंग से फिर लाल हुआ