Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2020 · 2 min read

” बचपन “

मन करता है, फिर सुनने का,
क़िस्सा राजा-रानी का।
दूर देश से आई कोई,
नन्हीं राजकुमारी का।

छुट्टी मेँ माँँ के सँग जाना,
घर वो नाना-नानी का।
चिढ़ा-चिढ़ा कर,पल मेँ प्यार,
जताना मामा-मामी का।

दादी के खुरदुरे हाथ की,
लाड़ लुटाती थापी का।
पतझड़ से रीती डाली ज्योँ,
हृदय वसन्ती थाती का।

प्रति-पल प्यार लुटाते पापा,
साया ज्योँ अमराई का।
ग़लती पर भीगी बिल्ली सब,
डर जो मार-कुटाई का।

चश्मा खोने पर झुँझलाना,
या फिर खोना छतरी का।
मिलते ही, दुलराते बाबा,
खेल हमारी मरज़ी का।

कभी चुहल, मनुहार कभी,
हँसने का, कभी रुलाई का।
खेल अगर इस पल,अगले पल,
होता ठान लड़ाई का।

पानी मे झुककर,कागज़ की,
नाव चलाती टोली का।
फिरते कभी जहाज उड़ाते,
बेफ़िक्री, हमजोली का।

भरी दुपहरी, कभी खेलते,
चकिया-चूल्हा, मिट्टी का।
रोते-गाते, ख़ुशी मनाते,
ब्याह रचाते, गुड्डी का।

आइस-पाइस खेल कभी,
लुकती,छुपती उस बारी का।
रोब जमाता कोई, खेल,
जब होता चोर-सिपाही का।

सावन में झूला पड़ता,
उस नीम वृक्ष की डाली का।
मस्त फुहारें, गीत सुनाती,
अल्हड़ सखी सहेली का।

सदा अनोखी राह बनाता,
रिश्ता बहन व भाई का।
पल मेँ होता मेल अगर,
पल मेँ व्यवहार ढिठाई का।

सब को समझाती,बहलाती,
माँ की उस चतुराई का।
धौल जमाती कभी घुड़क के,
कभी प्यार की, बानी का।

कभी डाँटते, कभी खेलते,
चँचल, चाचा-चाची का।
कभी न थकते हाथ-पाँव,
ऐसे उन, काका-काकी का।

आँगन मेँ पँगत खाती,
उस प्यारी लोटा-थाली का।
काम-काज,मुन्डन,शादी मेँ,
पत्तल,कुल्हड़, प्याली का।

फिर से सुनूं बखान कभी मैं,
दिया, तेल और बाती का।
मन में “आशा” दीप जले,
तम हरे, अमावस काली का..!

रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M 9415559964
——-//——-//——-//——-//—

Language: Hindi
22 Likes · 31 Comments · 700 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
"तुम्हारी हंसी" (Your Smile)
Sidhartha Mishra
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
23/36.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/36.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सजाता कौन
सजाता कौन
surenderpal vaidya
मुझे आशीष दो, माँ
मुझे आशीष दो, माँ
Ghanshyam Poddar
मन की किताब
मन की किताब
Neeraj Agarwal
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
शिल्पी सिंह बघेल
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
Dr MusafiR BaithA
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तू मुझे क्या समझेगा
तू मुझे क्या समझेगा
Arti Bhadauria
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
Ram Krishan Rastogi
फोन नंबर
फोन नंबर
पूर्वार्थ
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
रिश्ते वही अनमोल
रिश्ते वही अनमोल
Dr fauzia Naseem shad
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
■ आज की सलाह...
■ आज की सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
शेखर सिंह
कया बताएं 'गालिब'
कया बताएं 'गालिब'
Mr.Aksharjeet
Loading...