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10 Jul 2018 · 1 min read

बचपन बीत गया——।

प्रेम भरा जीवन बीत गया
धीरेन्द्र का नटखटपन बीत गया
बचपन बीत गया——–।
माँ के आँचल में नहीं आता
न जाने कहाँ चला जाता
अब अपने पैरों पे चलना
शायद धीरेन्द्र सीख गया
बचपन बीत गया ——-।
न डाटें कोई न फटकारे
न प्यार करे न कोई दुलारे
अब अल्हड़पन बीत गया
बचपन बीत गया——।

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