बचपन की यादें
अब क्यों आ रही हो ?
थोड़ा रुक भी जाओ ,
ये बचपन की यादें !
समझ नहीं आ रहा ?
सब बदल गये हैं ,
और कुछ हम भी !
तुम क्यो वैसी ही हो ?
ये बचपन की यादें !
-kashiram ahirwar
Mo. 9644962897
Bhopal mp