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20 Aug 2024 · 1 min read

*बचपन की बातें छूट गईं, फिर राधा से प्रभु कहॉं मिले (राधेश्य

बचपन की बातें छूट गईं, फिर राधा से प्रभु कहॉं मिले (राधेश्यामी छंद )
_________________________
बचपन की बातें छूट गईं, फिर राधा से प्रभु कहॉं मिले
जीवन-रण में ऐसे उलझे, रस महारास के कहॉं खिले
वह धवल चॉंदनी यमुना-तट, सारा जीवन कब रहता है
साधारण जन की भॉंति ईश, बॅंध काल-पाश में बहता है

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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