“बखान”
“बखान”
भारत के लोकतंत्र का
कैसे करें बखान,
भोली जनता क्या करे
पल्ले पड़े बेईमान।
ठगे गए वोटर सदा से
लुटे सारे अधिकार,
नेता मिथ्या स्वप्न बेच
चला रहे व्यापार।
“बखान”
भारत के लोकतंत्र का
कैसे करें बखान,
भोली जनता क्या करे
पल्ले पड़े बेईमान।
ठगे गए वोटर सदा से
लुटे सारे अधिकार,
नेता मिथ्या स्वप्न बेच
चला रहे व्यापार।