बंधे हुए हाथ
अगर हमें देश से-मुहब्बत न होती
इसके कानून की-इज्ज़त न होती
तो आज हम तुम्हें-बता देते!
बगावत कैसे -की जाती है
इंकलाब कैसे-लाया जाता है
तुम्हें अच्छी तरह-दिखा देते!!
मज़दूरों पर-किसानों पर
बेरोजगार-नौजवानों पर
अपने आकाओं के-हुक्म पर!
तुमने जो लाठियां-बरसाई हैं
तुमने जो गोलियां-चलाई हैं
तुम्हें उसका मज़ा-चखा देते!!
Shekhar Chandra Mitra
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