Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2024 · 1 min read

बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,

बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
उन्हें अपने ढंग से जीने में ही मजा आता है !!
@परिमल

1 Like · 156 Views

You may also like these posts

किस बात का गुमान है
किस बात का गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
कलयुग और सतयुग
कलयुग और सतयुग
Mamta Rani
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
जीवन क्या है ?
जीवन क्या है ?
Ram Krishan Rastogi
गणपति बप्पा
गणपति बप्पा
विजय कुमार नामदेव
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
सुरेखा कादियान 'सृजना'
आइल दिन जाड़ा के
आइल दिन जाड़ा के
आकाश महेशपुरी
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
मन को समझाने
मन को समझाने
sushil sarna
स्वाधीनता दिवस
स्वाधीनता दिवस
Kavita Chouhan
जब  फ़ज़ाओं  में  कोई  ग़म  घोलता है
जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है
प्रदीप माहिर
सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना।
सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना।
Abhishek Soni
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
Mohan Pandey
#धर्मपर्व-
#धर्मपर्व-
*प्रणय*
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
*अध्याय 4*
*अध्याय 4*
Ravi Prakash
23/53.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/53.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
4) धन्य है सफर
4) धन्य है सफर
पूनम झा 'प्रथमा'
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
Jyoti Roshni
सौदा
सौदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रेमिका से
प्रेमिका से
Shekhar Chandra Mitra
अबोध जुबान
अबोध जुबान
Mandar Gangal
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
शेखर सिंह
विधाता
विधाता
seema sharma
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
"आईये जीवन में रंग भरें ll
पूर्वार्थ
जागो, जगाओ नहीं
जागो, जगाओ नहीं
Sanjay ' शून्य'
तन्हाई
तन्हाई
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...