– बंदिश ए जिन्दगी –
बंदिश ए जिंदगी –
बंदिश ए जिन्दगी मेरी,
ख्याल मेरे लाजवाब,
ख्याल मेरे करते है बवाल,
ख्यालों को शब्दो का रूप देकर ,
कलम के माध्यम से करता हु में संवारने का प्रयास,
संवर जाए मेरे ख्याल ऐसी करता हु में मां शारदे से अरदास,
शब्दो की माला में पिरोकर करता हु उसका श्रृंगार,
बंदिश ए जिंदगी मेरी,
ख्याल मेरे लाजवाब,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान