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25 Mar 2024 · 1 min read

*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*

होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍃🍃
होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग
ढोल बजा तो थाप पर, करते नर्तन अंग
करते नर्तन अंग, न छोड़ो कोई कोरा
सबसे मिलो समान, रंग काला या गोरा
कहते रवि कविराय, घूमती आती टोली
पिचकारी की धार, गुलाल मनाती होली
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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