बंदर बांट
एक आम इंसान की रोटी
गरीबों में मुफ्त बंट रही है
फिर भी ना जाने क्यों
देश से गरीबी ना छंट रही है
सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर
मुफ़्त का अनाज बांट रहे हैं
मध्यम वर्गीय कामकाजी की
मेहनत की कमाई काट रहे हैं
दो बिल्लियों की लड़ाई में
ये बंदर का काम कर रहे हैं
बंदर बांट की कहावत को
ये पुनः जीवंत कर रहे हैं