फौजी मुझे बना दे मम्मी
एक बंदूक मँगा दे मम्मी
फौजी मुझे बना दे मम्मी
सरहद पर लड़ने जाऊँगा
दुश्मन को मार भगाऊँगा
गर्मी,जाड़ा या वर्षा हो
सीना ताने खड़ा रहूँगा
मातृभूमि की रक्षा खातिर
मै निज प्राण त्यजूँगा
मेरे माथे पर झटपट
विजय तिलक लगा दे मम्मी
फौजी मुझे बना दे मम्मी|
स्कूली किताबेँ पढ़ते -पढ़ते
मै बहुत ही ऊब गया हूँ
देशप्रेम क्या होता है
ये भी भूल गया हूँ
मेरे दिल मेँ देशप्रेम की
ज्वाला अभी जला दे मम्मी
फौजी मुझे बना दे मम्मी|