— फौजी की शहादत —
आंसू बहाने हों तो बहा लो
उस फौजी की शहादत पर
जिस ने लूटा दी अपनी जान
अपने वतन की आन पर !!
पहन कर वर्दी शान से
जो घर छोड़ गया सीमा पर
नही आने दिया दुश्मन को
देश की सीमा के अंदर !!
जिन्होंने फिल्मों में आकर
पार कर दी नग्नता की सीमा
उन जैसे के लिए बेवजह
आंसू बहाते हो किस बात पर !!
वो देश की शान है, आन है
देश का फौजी अनमोल है
करो नतमस्तक करना ही है तो
फौजी की निराली शान पर !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ