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6 Sep 2021 · 1 min read

“फोटो कॉमेंट “

“फोटो कॉमेंट ”
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
==============
इतने तो हम व्यस्त नहीं हैं ,
जो उनको कुछ कह ना सके !
अपने लय में नाच -नाच कर ,
लोगों को कुछ ना जीत सके !!
प्रेमों की भाषा में लिखकर ,
जब कोई हमें ढाढ़स देता है !
पर उनके सांकेतिक चिन्ह ,
सबको विचलित कर देता है !!
इतने व्यस्त हम बन जाते हैं ,
उतने तो व्यस्त नहीं रहते हैं !
बड़े बुजुर्ग अपने मित्रों को ही ,
नजर अंदाज किया करते हैं !!
कविता बड़ी -बड़ी लिखते हैं ,
पुस्तकें रोज हमारी छपती हैं !
पर लोगों को आभार प्रेम से ,
अभिषिक्त कलम न करती है !!
जब अपने ही हमसे रूठेंगे ,
तो हम उनके कैसे रह पाएंगे !
विनम्रता शीलता और मधुरता ,
को किस उपवन में फैलाएँगे !!
=========================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका

Language: Hindi
1 Like · 214 Views
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