फोटोज़
तुम्हारे फोटोज
हमेशा बहुत सुन्दर आते हैं।
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पर उस दिन वाले तो
सबसे प्यारे लगे थे मुझे।
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याद है एक दिन
जब मैं बुखार मे तप रहा था।
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मैने तुम्हे मेसज किया कि
अपना एक फोटो भेज दो।
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तुमने कहा की
‘मेरी शक्ल अच्छी नही आयेगी।’
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‘जैसी भी आये भेज दो तुम बस’
मैने कहा था।
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फ़िर तुमने
एक के बाद एक
चार तस्वीरें भेज दी।
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पिंक रंग की टी शर्ट पर
नीले रंग की स्वेटर
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तुम्हारी आँखे कहीं और देख रही थी।
शायद सोच रहीं हों
इसको इनसे क्या करना है।
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वे फोटोज सबसे सुन्दर थे।
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एक अपनापन था उनमें
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उन आंखोँ मे अपने लिये चिंताओ को
महसूस किया था मैने।
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वे फोटोज
बहुत ही सहज थे सरल थे।
पनीली
चमकती आँखे
।
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सच कहूँ
मुझे ऐसा महसूस हुआ कि
तुमने फोटोज़ नही भेजे हैं
तुम खुद चली आई हो
।
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काश मैं तुम्हे दिखा पाता
मेरी आंखो मे
छलक आयी
भावनाओं को।
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एक बात बताऊँ
।
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मैं आज भी बुखार में तप रहा हूँ
।
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पर……
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मन में ख्याल आता है
तुम नही हो अब जीवन में।
शायद भूल भी चुकी हो मुझे।
सोचता हूँ
काश तुम होती अब मेरे साथ
।
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पर तुम नही हो
।
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फ़िर मै हिम्मत जुटाता हुआ
इस बात को भूलते हुए कि
शायद
तुम आज मुझे भुला भी चुकी होगी।
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अपनी आंखोँ को बंद कर लेता हूँ
।
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और सोचता हूँ
तुम्हे उसी रूप में
।
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गुलाबी टी शर्ट पर
नीले रंग की स्वेटर पहने
पनीली चमकती आँखे
अपनेपन से भीगा हुआ
प्रेममयी चेहरा
।
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तुम्हे
मैं
फ़िर से सोचता हूँ
उसी तरह
जैसे हमेशा सोचा करता हूँ।
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तुम्हारा
मन्नू