‘फेसबुक-मित्र’
आज मैं बताता हूँ ‘फेसबुक’ में मित्र के प्रकार,
पहला नम्बर में ऐसे मित्र हैं,जो पोस्ट को,
देखते बार-बार पर,
न लाइक करते,न कमेंट एकबार |
इसके बाद आता,नम्बर उन मित्रों का,
जो कोई भी पोस्ट न पुरा पढ़ते,न पुरा देखते,
लेकिन लाइक करते हर बार |
तीसरे प्रकार के मित्र, कुछ लंगोटिया हैं |
पोस्ट कुछ भी डालो,कहते बढ़ियाँ है |
यहीं तक नहीं रूकते हैं ,
रिप्लाई में भी लपेटते हैं |
चौथे प्रकार में वे लोग आते हैं ,
जो पोस्ट का विवरण,आपको मिलने पर बताते हैं |
आपका पोस्ट अच्छा था,उम्दा था,हौसला भी बढ़ाते हैं |
बाकी जो बचे शेष,
वो हैं काफी विशेष |
उनका मित्र-सूची में बने रहना ही,
हमारा शान है ,
पोस्ट देखें ना देखें,लाइक करें,ना करें,
फिर भी हमारा स्वाभिमान हैं |
—पवन कुमार मिश्र ‘अभिकर्ष ‘
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