“ फेसबुक के दिग्गज ”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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मित्र तो
अनेक हैं
पर थोड़े
ही करीब हैं
संवाद के
बिना कहो
कैसे वो
रक़ीब हैं
युद्ध भूमि
में खड़े
अस्त्र हाथों
में पड़े
शंखनाद
सुनके कहो
कौन फिर
ना लड़े
बहाना तो
चलता नहीं
मौन कोई
रहता नहीं
सब हैं
दिग्गज यहाँ
स्तब्ध कभी
रहता नहीं
यशगान के
हैं दुरंधर
विनाश के हैं
हम पुरंधर
अपनी बातों
को रखें
हम मुक्कदर
का सिकंदर
सब अपनों
में लिप्त हैं
उपलब्धियों
से तृप्त हैं
अपनी सुगंध
से सदा
स्वयं करते
ही सिक्त है
खोज खबर
संवाद करो
दूर से ही
सलाम करो
आदर सम्मान
प्यार से
फेसबूक में
सदा रंग भरो !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस पी कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
22.11.2022.