फेर रहे हैं आंख
कभी वक्त के माथे पर जो खींच
गए उपलब्धि की बड़ी सी लकीर
अब राजनीतिक ही तय कर रहे
हैं उन सब पहलवानों की तकदीर
दिग्गज नेता कभी उनके सान्निध्य
में आने का करते थे विशेष उल्लेख
आज वही उन सबकी पीड़ाओं को
मान रहे हैं कोई राजनीति विशेष
वक्त की पलटी देखिए कैसे वो
कर रहा पहलवानों से मजाक
कभी जिनकी खुशामद को बेचैन
थे बड़े लोग वो ही फेर रहे हैं आंख
देश के सियासी इतिहास में जुड़ गया
बीते रोज एक बड़ा शर्मनाक अध्याय
ओलंपिक पदक विजेताओं को भी
तंत्र नहीं दे सका समय से सही न्याय