फूल तेरे रंग अनेक
फूलों के भी रंग निराले
कई सफ़ेद और कई काले
कितना असर है इनका
न जाने भगवान् को कौन से प्यारे
सफ़ेद चढ़ा दू या गुलाबी
बड़ी है मन में बेताबी
ख़ुशी किस रंग से होगी प्रभु की
मन में शंका की बनी बेताबी
कितना प्यारा सा लगता है डाली पर
तोड़ के उसको जुदा करने का डर
मन संकोच से भर जाता है
क्या कहेगी उस फूल की डाली
अजीत कुमार तलवार
मेरठ