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18 May 2023 · 1 min read

फूलों की करो खेती

.

……कोई साथ ना दे फिर भी चलना मुझे आता है..

तन्हाइयों में रह के भी जीना मुझे आता है..

गुज़रे हुए लम्हो को अब और ना छेड़ों तुम..

खाए हुए ज़ख्मो को भरना मुझे आता है…

रोना है ये कैसा छोडो भी ये दर्द अपना..

गमगीन फिजाओ में हंसना मुझे आता है…

फूलों की करो खेती महका दो गुलिस्ता को

खुशबू-ऐ गुल की- मानिंद महकमा मुझे आता है…

बदलो जरा खुद को भी मुस्काओ दुःखों में भी…

कांटो के बीच में भी खिलना मुझे आता है….

मजबूर तो हू लेकिन मायूस नहीं फिर भी…

दूर होके भी तेरे पास रहना मुझे आता है..
.शबीना..नज।

Language: Hindi
218 Views
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