Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2020 · 1 min read

फिर प्यार में पिघल गए

देखा तुझे मचल गए
फिर प्यार में पिघल गए

पत्थर कहाँ थे हम सनम
देखा तुझे पिघल गए

कब हाले-दिल सुने मिरा
जब कुछ कहा निकल गए

फिर चोट ना लगी मुझे
धोका मिला संभल गए

अच्छा हुआ जो प्यार में
ठोकर लगी संभल गए

तृष्णाएँ तो नहीं मिटी
अरमान सब निकल गए

हालात तो वही रहे
तुम कितने ही बदल गए

हम तो रहे वही मगर
मौसम कई बदल गए

198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
Radhakishan R. Mundhra
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
Shashi kala vyas
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कितना बदल रहे हैं हम
कितना बदल रहे हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
#कुदरत_केरंग
#कुदरत_केरंग
*Author प्रणय प्रभात*
चोट ना पहुँचे अधिक,  जो वाक़ि'आ हो
चोट ना पहुँचे अधिक, जो वाक़ि'आ हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
Phool gufran
मेरी शायरी की छांव में
मेरी शायरी की छांव में
शेखर सिंह
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
भूत प्रेत का भय भ्रम
भूत प्रेत का भय भ्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
Seema gupta,Alwar
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
समलैंगिकता-एक मनोविकार
समलैंगिकता-एक मनोविकार
मनोज कर्ण
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
जीवन जीते रहने के लिए है,
जीवन जीते रहने के लिए है,
Prof Neelam Sangwan
कृतज्ञ बनें
कृतज्ञ बनें
Sanjay ' शून्य'
💐प्रेम कौतुक-264💐
💐प्रेम कौतुक-264💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
Kanchan Khanna
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"लू"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत
गीत
दुष्यन्त 'बाबा'
2483.पूर्णिका
2483.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
Loading...