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23 Oct 2024 · 1 min read

फिर करना है दूर अँधेरा

फिर करना है दूर अँधेरा,
फिर लाना है जगमग सवेरा,
खिले हर चेहरे पर रोशनी खुशियों की
चमक उठे हर आँगन, गाँव और बस्ती

पुरानी सोच के आवरण बदले
नई सोच, नये विचार अपना ले
मैं और तुम मिलकर हम बन जायें
चलो धूमधाम से दीपोत्सव मनाये

चित्रा बिष्ट

Language: Hindi
20 Views
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