फिर कभी दिल टूटा नहीं मेरा
खुद से दिल लगा कर जब देखा,
फिर कभी दिल टूटा नहीं मेरा।
दूसरों को खुद से बांधना छोड़ दिया,
तब से इस सफ़र में कोई छूटा नहीं मुझसे।
चेहरे पर लहराती एक मुस्कान बसा ली मैंने,
फिर जीवन में कभी कोई रूठा नहीं मुझसे।
हर कदम खुश रहने की कला सीख ली मैंने,
ज़िन्दगी बीतती नहीं, अब महकती है मेरे साथ।
————–शैंकी भाटिया
अक्टूबर 1, 2016