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12 Feb 2024 · 1 min read

*फिर उठोगे*

आज बिखरे हो,कल एक नयी किरण के साथ फिर उठोगे।
जो बैठ गया थककर फिर एक दिन उड़ान भरोगे
रुकी हुई मंज़िल को फिर से पाने का हौसला रखोगे।
आज बिखरे हो,कल एक……………………………..
हिम्मत रख हर विपरीत हवाओ का रूख भी बदलेगा
जो छोड़े थे अधूरे काम, उन्हें पूरा करने का अवसर भी मिलेगा।
अनचाहे हर उलझे प्रश्न की समस्या का समाधान भी मिलेगा ।
छूटे थे जो सपने उसे साकार करने का मौक़ा भी मिलेगा।
आज बिखरे हो,कल एक नयी किरण के साथ फिर उठोगे।
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍀
रचनाकार – 😇 डॉ० वैशाली ✍🏻

Language: Hindi
87 Views
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