फितरत
आज के जमाने में दो तरह की फितरत के इंसान पाए जाते हैं और वे कुछ यूं हैं………….
एक की फितरत थी अच्छाई करने की,
एक की फितरत थी बुराई करने की।
दोनों थे तो इंसान, मगर फितरत ने बना दिया,
एक को फरिश्ता और एक को शैतान।
फूल को तोड़ कर उसके,
वजूद से अलग कर दिया।
फिर भी जाते जाते अपनी ,
महक से उसकी हठेली को भर गया।
बिच्छू को बचाया बार बार,
हर बार वो हर बार वो बच गया।
जाते जाते बचाने वाले को डस गया।