फितरत मेरी जाती नहीं ___
चालबाजियां आती नहीं _
फितरत मेरी जाती नहीं।
चलता हूं राह सीधी हमेशा_
टेढ़ी मेढ़ी भाती नही।।
स्वभाव है मेरा_
साथ सबका निभाता ही चलूं।
करूं क्या?
रीति नीति मेरी_
किसी को सुहाती नहीं।।
कमियां देखी मैंने अपनी_
जमाने की देख क्या करता।
दुनियां को_
यह बात सताती नहीं।।
होती है पीढ़ा _देख
दीन हीनों की।
गले अमीरी_
उन्हें लगाती नहीं।।
सपने मैने सजाए _
सब सुखी रहे।
सोच यह
जनता जगाती नही।।
इतराता नही मैं_
अपनी “फितरत” पर।
चालबाजियां मुझे_
आती नही।।
राजेश व्यास अनुनय