फासिला जिंदगी
शाम शरमा गयी रोशनी के लिए l
फ़िक्र करने लगी चाँदनी के लिए l
फासिला जिंदगी जख्म जालिम शहर –
बज्म फितरत फिदा रागिनी के लिए ll
राज किशोर मिश्र ‘ राज ‘ प्रतापगढ़ी
शाम शरमा गयी रोशनी के लिए l
फ़िक्र करने लगी चाँदनी के लिए l
फासिला जिंदगी जख्म जालिम शहर –
बज्म फितरत फिदा रागिनी के लिए ll
राज किशोर मिश्र ‘ राज ‘ प्रतापगढ़ी