*फागुन तुम मत आना 【गीत 】*
फागुन तुम मत आना 【गीत 】
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फागुन तुम मत आना
【 1 】
आग लगी है मारामारी
जगह-जगह है गोलीबारी
इसकी माँगें-उसकी माँगें
माँगें रखना अब भी जारी
देखो जी हालात देश के
कहीं झुलस मत जाना
फागुन तुम मत आना
【 2 】
रस्ते में है गड़बड़झाला
पड़ता है नारों से पाला
खाना और नहाना दूभर
दिखता सिर्फ धुँआ है काला
कहीं न छेड़े तुमको कोई
लेकर नया बहाना
फागुन तुम मत आना
【 3 】
शहर कौन लेकर आएगा
मस्ती में क्या भर पाएगा
आओगी तो बतलाओ यह
कौन यहाँ तुमको गाएगा ?
तुम्हें लगेगा देश अपरिचित
हो जैसे अनजाना
फागुन तुम मत आना
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451