फ़िर कभी ना मिले …
फूल जब बन गए, तो अकेले खिले ।
दीप जब बन गए, तो अकेले जले ।
याद है अब तलक आखिरी वाला दिन,
सब अलग यों हुए फ़िर कभी ना मिले ।
— सूर्या
फूल जब बन गए, तो अकेले खिले ।
दीप जब बन गए, तो अकेले जले ।
याद है अब तलक आखिरी वाला दिन,
सब अलग यों हुए फ़िर कभी ना मिले ।
— सूर्या