फ़ितरत
मुश्किलों में भी जो मुस्कुराने की
मेरी फ़ितरत है,
वही तो मेरी हर मुश्किलों से पार
पाने की हिम्मत है,
जो तुम मेरी मुस्कुराहट को समझ सको
दिल को फिर न रह जाये कोई भी
कभी जरूरत है।
मेरे कहकहों पर जो तुम हैरान होते,
मेरी बेफिक्री पर जो तुम परेशान होते,
यही तो मेरे तकलीफ़ में आत्मबल है,
मेरे आत्मबल से क्यों तुम अंजान होते।
मेरी फ़ितरत में नही दर्द का तमाशा बनाऊँ,
जो न मिला उसके लिए कभी गिड़गिड़ाऊँ,
प्रेम के दो बोल अगर बोल दो मेरे लिए,
फिर तेरे लिए मुश्किलों से भी मैं भिड़ जाऊँ।
प्रेम पाने की मेरी दिल से चाहत है,
प्रेम बाँटने की मेरे दिल की फितरत है,
कोई लाख रोके टोके मगर ये जानती मैं,
प्रेम ही रब की सबसे बड़ी नेमत है।