“फलसफा”
“फलसफा”
रखते नहीं हैं कोई याद
देखा खूब भलाई करके,
प्रकृति कोप के आगे कोई
टिकते नहीं ढिठाई करके।
“फलसफा”
रखते नहीं हैं कोई याद
देखा खूब भलाई करके,
प्रकृति कोप के आगे कोई
टिकते नहीं ढिठाई करके।