Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
67 Followers
Follow
Report this post
26 Mar 2023 · 1 min read
फरियादी
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
वो भी मुझसा कोई फरियादी है।
Language:
Hindi
Like
Share
5 Likes
·
1 Comment
· 384 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all
अनहद अंतस्
Neel Padam
झील शांत है (सीधा सरल जो मन मेरे घटा)
Neel Padam
You may also like:
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
इशरत हिदायत ख़ान
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
23/189.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नानी का गांव
साहित्य गौरव
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
रुचि शर्मा
दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
भारतीय समाज
Sanjay ' शून्य'
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
मनीआर्डर से ज्याद...
Amulyaa Ratan
जमाना तो डरता है, डराता है।
Priya princess panwar
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
कृष्णकांत गुर्जर
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
गुरु बिना ज्ञान नहीं, जीवन में सम्मान नहीं।
Ranjeet kumar patre
रोते हुए को हॅंसाया जाय
Mahetaru madhukar
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
"इश्क वो बला"
Dr. Kishan tandon kranti
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
आकुल बसंत!
Neelam Sharma
कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन
Suryakant Dwivedi
श्रेष्ठ रचनाएं
*प्रणय*
Loading...