Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2020 · 1 min read

पड़ कहीं जाए न महंगा यूँ झगड़ना भाई

अक़्ल अपनी भी रखो ठीक से वरना भाई
पड़ कहीं जाए न महंगा यूँ झगड़ना भाई

अपनी बातों से कभी तुम न मुकरना भाई
और मौसम की तरह तुम न बदलना भाई

वापसी कर के तो हासिल भी न मंज़िल होगी
राह जैसी भी चलो तुम न पलटना भाई

लोग चेहरे को बदल कर के तो साथी बनते
दोस्ती जिस से करो उसको परखना भाई

बात होकर के शूरू और कहां तक पहुंचे
बेवज़ह यूँ ही किसी से न झगड़ना भाई

पग उठाना है संभलकर के जवानी भी ये
जैसे चिकनी सी है मिट्टी न फिसलना भाई

अपनी-अपनी ही सभी फ़िक़्र किया करते हैं
ज़ीस्त की राह कठिन ख़ुद से संभलना भाई

प्यार से कह दो उसे एक दफ़अ समझाकर
कोई ग़लती भी करे तुम न भड़कना भाई

एक ‘आनन्द’ भला किसको बताये कब तक
इश्क़ दरिया है बड़ा पाँव न धरना भाई
-डॉ आनन्द किशोर

3 Likes · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
goutam shaw
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारी है जुस्तजू
तुम्हारी है जुस्तजू
Surinder blackpen
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सफलता की चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
जीवन उद्देश्य
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शहीद की पत्नी
शहीद की पत्नी
नन्दलाल सुथार "राही"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कभी
कभी
हिमांशु Kulshrestha
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
15--🌸जानेवाले 🌸
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
ईश्वर है
ईश्वर है
साहिल
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
"संसद और सेंगोल"
*प्रणय प्रभात*
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
मूर्ती माँ तू ममता की
मूर्ती माँ तू ममता की
Basant Bhagawan Roy
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
Shutisha Rajput
दो खग उड़े गगन में , प्रेम करते होंगे क्या ?
दो खग उड़े गगन में , प्रेम करते होंगे क्या ?
The_dk_poetry
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
Loading...