विश्वास हैं
दर्द सीने में लिए ,एक शून्य का एहसास है,
दुख का मंजर छा रहा है,भूख है न प्यास है,
घने अंधेरे में उजाले के फूटने की आस हैं,
कि घने अंधेरे में उजाले के फूटने की आस हैं,
रुकना न कभी ,झुकना न कभी ,कह रहा विश्वास हैं।
एक दिन माथे से टपकती बूँद बता देगी तुझे ,
कि एक दिन माथे से टपकती बूँद बता देगी तुझे ,
की जीत आसपास हैं, जीत आसपास हैं।
द्वारा-खुश्बू खातून