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23 Apr 2021 · 1 min read

प्रेम

प्रेम शांति है ,
प्रेम संवेदना है ।
प्रेम समृद्धि है ,
प्रेम वन्दना है ।

प्रेम अचेतन की चेतना है ,
अंतर्मन की भावना है ।
ईश्वर की प्रेरणा है ,
शांति और सद्भावना है ।

प्रेम तरंगें है ,
हृदय की सागर में उठती हुई लहरें है ।
प्रेम संचार है ,
शुभ और सुखद समाचार है ।

प्रेम अनुभूति है ,
एक दूजे के प्रति सहानुभूति है ।
प्रेम उन्मुक्त आकाश है ,
हम दोनो विचरण करते पंक्षी है ।

✍️ समीर कुमार “कन्हैया”

Language: Hindi
462 Views
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