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30 Aug 2020 · 1 min read

प्रेम

नज़ाकत है तेरी हर बात हर अंदाज में ऐसे
हृदय है जैसे कोमल फूल की पंखुड़ियों जैसे

शराफत की तू मूरत है दिल में प्रेम का बहार हो
इबादत है मेरी रब से खुशियों से भरा संसार हो

तुझे बिन सोचें इकपल मेरी सुबह ना शाम ढलती है,
रफ़ाक़त है तेरी मुझसे तो मेरी शाम सँवरती है

ताकत हो तुम प्रेम का हिम्मत भी मिलती तुमसे है
हरपल रहती लब पे दुआ मन्नत बस उस रबसे है

इनायत है तेरी जो मुझपे तो मेरी साँसे चलती है
तुझे सोचूँ तो मेरी धड़कन फिर मुझसे मिलती है

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 291 Views
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