प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम नि:शब्द होता है|
असीमित गहराई से उभरकर,
सागर की लहरों – सा,
छलकते हुए भी,
ख्वाब समेटे हुए,
प्रेम नि:शब्द होता है||
बुदबुदाते होठों की तरह ,
जुडते- बिछुडते भी,
दाँतों की-सी मजबूती से,
निष्कंप है ,
प्रेम नि:शब्द होता है||
धड़कन की तरह,
धक-धक,
धड़कते हुए भी ,
पल-पल कंपित ,
पर !
अनेक जुडे ख्वाब संजोए ,
प्रेम नि:शब्द होता है||
लबों की बुदबुदाहट से,
साँसों की गर्माहट तक,
कुमुद – मंद मुस्कान में,
बसे एहसासों तक,
प्रेम नि:शब्द होता है||
मुस्कराते – खिलते,
फूलों की तरह,
मन के महके,
मनके – मोती ,
रस – रास की तरह,
प्रेम नि:शब्द होता है||
रोम-रोम में रमे,
राग की तरह,
गुलशन में बसे,
बहार की तरह,
पंकिल कमल के,
मुस्कान की तरह,
प्रेम नि:शब्द होता है||
झंकृत मन का,
साज – संगीत,
तन – सजा और मन रंजित,
सूखे मरू में,
झमाझम बारिश की तरह
प्रेम नि:शब्द होता है।।