प्रेम सिखायेगें
बैठ एक डाल पर
खूब गुटर-गू करेंगे
न किसी की परवाह
खूब प्यार करेंगें
जाति-पाँति का न भेद
समभाव से मिलेंगे
प्रेम-पंथ पर चल कर
जहां को मार्ग दिखायेगे
दुनियादारी से दूर हम
प्रीत का जहाँ बसायेंगे
हम नहीं इसाँ के बच्चे
जो मार- काट मचायेंगे
कोई न भेद धर्म का हममें
जो मंदिर-मस्जिद बनायेंगे
हम तो एक ईश के बनाए
प्रेम का धर्म सिखायेंगे
डॉ मधु त्रिवेदी