प्रेम लौट आता है
प्रेम लौट आता है
डायरी के बीच
सूखे गुलाब
कुछ अशआर
बस यूँ ही
प्रेम लौट आता है
दशकों बाद
जैसे वन में
सुलगते पलाश सा
खामोश
और घना और घना
कुछ यादें
डूबते दिलों की
बन धङकन
लौट आती है
सीमेंट के जाल से
बनी इमारतों के बीच
इक खूबसूरत
फूल सा खिला कर
प्रेम लौट आता है
और घना और घना