प्रेम प्रस्ताव
मुझे नहीं पता आज यह
सुन इसे तुम नाचोगे झूम-झूम के
या फिर हो जायेगा मोह भंग तुम्हारा, मुझसे।
तुमसे आज यह नहीं कहूॅगा कि
कर दूगॉ एक चॉद तारो को
या फिर हवा का रुख मोड़ दूॅगा।
आज मैं नहीं करना चाहता
तुझसे ऐसा कोई भी वादा
जिसे पूरा ना कर सकूॅ।
हॉ इतना जरुर कहना चाहूॅगा कि
हर खुशी देगी दस्तक, तेरे दरवाजे पर,
उस हर गम को पार पाना होगा मुझसे
जो तेरे होठो की हसीं छीन ले।
इन्ही शब्दो के साथ प्रस्ताव
तुम्हारे सम्मुख,
अपने प्रेम का।