प्रेम प्रस्ताव
*********प्रेम प्रस्ताव*******
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प्रेम प्रस्ताव जब स्वीकार होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
प्रेम भाषा कठिन समझ ना आए
दिन में तड़फाती,रात को जगाए
समझ आए तो बुरा हाल होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
एक तरफी जंग जीती नहीं जाए
अंदर ही अंदर घुटता मरता जाए
खुदा उस घड़ी मददगार होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
इकरारनामा दिल को सुहाता है
इन्कारनाम दिन रात रूलाता है
तकरारनामा प्यार बढ़ा जाता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
बाते,मुलाकातें,हसीं राते होती हैं
प्रेम रस की खूब बरसातें होती है
फल क्या होगा ये सवाल होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
हथेली पे नाम कभी लिखे मिटाए
वहीं एक नाम दिल में हमा जाए
लम्हा प्यार का बेमिसाल होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता है
सुखविंद्र प्रेम हवा में बहता जाए
दिल का राग दिल से ही मिलाए
ठंडी हवा के झौंके जैसा होता है
प्रेम का तीर दिल के पार होता ह
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)