– प्रेम के पंछियों को सिर्फ प्रेम ही दिखता है –
– प्रेम के पंछियों को सिर्फ प्रेम ही दिखता है –
ना खलल न दखल दिखता है,
न द्वेष भावना, न भेदभाव,
न जातिवाद, क्षेत्रवाद, न संप्रदायवाद,
न ऊंच न नीच न धर्म न अधर्म दिखता है,
न अपना न पराया दिखता है,
न नफरत न नफरती भाव दिखता है,
प्रेम जो करते है,
वो कुछ नही करते है,
उन्हे बस चारो तरफ प्रेम ही दिखता है,
वो उड़ते हुए मंदिर पर बैठ जाते हैं मस्जिद ,गिरजाघर पर बैठ जाते है,
उन्हे उनमें कुछ भेद न दिखता है,
प्रेम के पंछियों को सिर्फ प्रेम ही दिखता है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क-7742016184