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15 Oct 2020 · 1 min read

प्रेम की प्यास जगी है

घायल मनवा भाग रहा है गोरी तेरे पीछे
नयनन मारी प्रेम कटारी करके धूंघट नीचे
प्यासे हैं दो नैना सजनी कबसे तरस रहे हैं
व्याकुल हैं दर्शन को तेरे,सावन से बरस रहे हैं
सूनी है मन बगिया मेरी तुम विन उजड़ रही है
खिलते नहीं सुमन तेरे विन न कोयल कूक रही है
जला रहा वासंती मौसम दिल में आग लगी है
स्वाती बनकर बरसो सजनी प्रेम की प्यास जगी है

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 238 Views
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