Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

प्रेम की पाती

प्रेम की पाती
**********
प्रिय ,क्या है प्रेम में निभाना
क्या है मिलना , क्या है उसका दूर जाना
जब उसको छोड़ कर
दूर रह कर उससे
होते हैं उसके साथ के एहसास
तब दूरी क्या और क्या है पास।

प्रेम तो योग है सत्य निष्ठा का
प्रश्न कहाँ उठता है इसमें
अहं और प्रतिष्ठा का
प्रिय, यह प्यार कैसा
लालच – लांछन
भय -झूट – अविश्वास
से मिला -विवाद जैसा

मुझे तुम्हारे प्रति संवेदना
भावुकता की अनुभूति रहती है
इस भाव की भाषा
कदाचित यही कहती है
फूल और काटों के बीच
चुभन के अस्तित्व क्या
जब सुगंध सी प्रीति
दोनों के बीच रहती है
न ही कोई जीत है
न ही है किसी को हराना
कदाचित यही तो है
प्रेम का निभाना , प्रिय …
प्रेम पाती भेज रहा हूँ तुम्हें
जवाब की जगह तुमको है आना ।
– अवधेश सिंह

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
😊संशोधित कविता😊
😊संशोधित कविता😊
*प्रणय प्रभात*
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
शाम
शाम
N manglam
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में
Dr MusafiR BaithA
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
भोर होने से पहले .....
भोर होने से पहले .....
sushil sarna
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रभु शरण
प्रभु शरण
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
VINOD CHAUHAN
जल संरक्षण
जल संरक्षण
Preeti Karn
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
भिखारी का बैंक
भिखारी का बैंक
Punam Pande
रात निकली चांदनी संग,
रात निकली चांदनी संग,
manjula chauhan
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे।
मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
★मां ★
★मां ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
मेहनत और अभ्यास
मेहनत और अभ्यास
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
शेखर सिंह
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अफ़सोस न करो
अफ़सोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
Loading...