प्रेम की परिभाषा विलग
उसके लिए प्रेम -हृदय के उद्गारों की परिभाषा
और वो तो है शिकारी- करे बस देह की आशा I
उसके लिए है प्रेम- प्रियतम की पूर्णतया दिल से की पूजा
वो कहे – तू है तो ठीक ,नहीं तो ढूँढ लूंगा कोई दूजा I
उसके लिए जरूरी – सिर्फ़ अनवरत दोनों का साथ
वो माने पूरा हो गया है साथ ,गुज़ार लिया जब रात I
पृथक है दोनों के प्रेम के स्वरुप की पूर्ण ही व्याख्या:
उसके लिए वो एक ही है सब ख़ुशी का मूल ,
पर गिनती प्रेयसियों की करे वो , उसकी शान है संख्या I